7/20/2005

एक शेर लिखा है .....


वो पलक मूँद कर हौले से मुस्कुराये हैं
उन के तस्सवुर में जानें कौन आया है

अनूप

1 comment:

Pratyaksha said...

निगाहें नीची किये वो बैठे हैं
जाने किसको चिलमन में छुपाया है

प्रत्यक्षा