9/13/2005

एक मुक्तक

माना कि हर समस्या का निदान नहीं हूँ मैं
ये भी माना कि तेरे प्रश्न का समाधान नहीं हूँ मैं
लेकिन तुम्हारी प्रीति के आमँत्रण का मतलब नहीं समझूँ
मेरी बात मानों इतना नादान नहीं हूँ मैं ।


अनूप

1 comment:

Pratik Pandey said...

बढ़ि‍या है और काफ़ी उपयोगी भी :)