माना कि हर समस्या का निदान नहीं हूँ मैं
ये भी माना कि तेरे प्रश्न का समाधान नहीं हूँ मैं
लेकिन तुम्हारी प्रीति के आमँत्रण का मतलब नहीं समझूँ
मेरी बात मानों इतना नादान नहीं हूँ मैं ।
अनूप
9/13/2005
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न तो साहित्य का बड़ा ज्ञाता हूँ,
न ही कविता की
भाषा को जानता हूँ,
लेकिन फ़िर भी मैं कवि हूँ,
क्यों कि ज़िन्दगी के चन्द
भोगे हुए तथ्यों
और सुखद अनुभूतियों को,
बिना तोड़े मरोड़े,
ज्यों कि त्यों
कह देना भर जानता हूं ।
1 comment:
बढ़िया है और काफ़ी उपयोगी भी :)
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