दीपिका की ज्योत बस जलती रहे
स्नेह की सरिता यूँ ही बहती रहे
आप जैसे दोस्तों का साथ हो
ज़िन्दगी यूँ ही सदा हँसती रहे
दीप पर्व की ढेर सारी शुभ कामनाओं के साथ :
10/20/2006
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न तो साहित्य का बड़ा ज्ञाता हूँ,
न ही कविता की
भाषा को जानता हूँ,
लेकिन फ़िर भी मैं कवि हूँ,
क्यों कि ज़िन्दगी के चन्द
भोगे हुए तथ्यों
और सुखद अनुभूतियों को,
बिना तोड़े मरोड़े,
ज्यों कि त्यों
कह देना भर जानता हूं ।
3 comments:
आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई.
--समीर लाल
दीपोत्सव दीपावली आपके जीवन को सदस प्रकाशित करे। दीपावली की शुभकामनाये
अनूपजी दीप पर्व की ढेरों शुभकामनायें.
संयोगवश मेरे और आपके चिट्ठे का नाम समान ही है.
भूल-चूक क्षमा करें.
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