हार कर जो न हारे, जवानी लिखो
दिल में गड़ जाये गहरी, निशानी लिखो
ख्वाब की आबरु को बचाना ही है
उन अधूरे पलों को, कहानी लिखो ।
10/22/2006
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
न तो साहित्य का बड़ा ज्ञाता हूँ,
न ही कविता की
भाषा को जानता हूँ,
लेकिन फ़िर भी मैं कवि हूँ,
क्यों कि ज़िन्दगी के चन्द
भोगे हुए तथ्यों
और सुखद अनुभूतियों को,
बिना तोड़े मरोड़े,
ज्यों कि त्यों
कह देना भर जानता हूं ।
2 comments:
आप तो बता के कट लिये कि लिखो.कहानी लिखेगा कौन?
आधी कहानी आधी ही कही कोई तेरी मेरी बात है
वक़्त रहते इस कहानी को कोई तो पूरा लिखे
यही इस दिल का अरमान है !!
Post a Comment